बचपन में आपने जरूर सुना होगा चंदा मामा दूर के लेकिन अब चंद्रमा दूर नहीं। क्योंकि इसरो ने चंद्रयान-3 से चांद पर परचम लहरा दिया है। Chandrayaan 3 landing से अब बच्चे सिर्फ चंदा मामा नहीं बुलाएंगे बल्कि चंद्रमा की ओर देखकर अपने भविष्य को नए भविष्य के सपने को पूरा कर सकेंगे। साथ ही चंद्रयान-3 ने चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करके दुनिया में इतिहास रच दिया है ।
4 साल से इसरो ने इस प्रोजेक्ट पर कड़ी मेहनत की और इसरो के 16000 से भी अधिक वैज्ञानिकों ने इस पर मेहनत किया जो की आज सफल हो चुका है ।आप भारत का नाम पूरे दुनिया भर में और ऊंचा हो चुका है ।भारत दुनिया में उन चार देशों में जुड़ गया है जो सॉफ्ट लैंडिंग किया है चंद्रयान 3 की सफल लैंडिंग के पीछे वैज्ञानिकों के साथ-साथ करीब भारत के सभी लोगों की प्रार्थनाएं काम आई।
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क्या कहा इंडिया के PM Modi ने चन्द्रयाण 3 के बारे में
चंद्रयान 3 के सफल लैंडिंग के बाद भारत के प्रधानमंत्री माननीय नरेंद्र मोदी ने इसरो के सभी वैज्ञानिकों को शुभकामनाएं प्रदान की ।साथ ही लाइव सेशन में जोड़कर वैज्ञानिकों के हौसला को बढ़ाया और लगातार इस तरह से उनके हौसला को बढ़ावा दिया
चंद्रयान-3 के सफल लैंडिंग के बाद पर इसरो के वैज्ञानिकों को बधाई दी छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने चंद्रयान 3 के सफलता पूर्वक लैंड करने पर इसरो के वैज्ञानिकों को शुभकामनाएं दी चंद्रयान-3 की चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक लैंडिंग करके इसरो ने इस समय इतिहास राज किया है उन्होंने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे वैज्ञानिकों ने अपनी प्रतिभा से इस कठिन मिशन को पूरा करके इतिहास रचा है ।देश के सभी लोगों को इस उपलब्धि पर गर्व है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने तीन करोड़ नागरिकों की ओर से इस मिशन से जुड़े सभी लोगों को बधाई दी
कैसे हुई चंद्रयान 3 की लैंडिंग- Chandrayaan 3 landing
- सबसे पहले विक्रम लैंडर 25 किलोमीटर की ऊंचाई से चांद पर उतरने की यात्रा शुरू की
- इसमें कुल तीन स्टेज था पहले स्टेज तक पहुंचने में उसे करीब 11 मिनट 5 सेकंड का समय लगा यानी 7.4 किलोमीटर की ऊंचाई तक
- 7.4 किलोमीटर ऊंचाई पर पहुंचने तक इसी गति 358 मीटर प्रति सेकंड था इसका अगला पडाव 6.8 किलोमीटर था
- 6.8 किलोमीटर की ऊंचाई पर इसकी गति कम करके 336 मीटर प्रति सेकंड कर दिया गया
- इसका अगला पड़ाव 800 मी का था
- 800 मीटर की ऊंचाई पर लैंडर के सेंसर चांद की सतह पर लेजा किसने डालकर चांद की सजा को ऑब्जर्व करके सही जगह स्थान खोजने लगी
- इसका आखिरी पड़ाव 150 घंटा की ऊंचाई पर लैंडर की गति 60 मीटर प्रति सेकंड था यानी 800 से 150 मीटर की ऊंचाई के बीच था
- सबसे फाइनल और क्रिटिकल स्टेज 60 मीटर की ऊंचाई पर लैंडर की स्पीड 40 मिनट प्रति सेकंड था
- उसके बाद चांद की सतह से लगभग कुछ मीटर दूर यानी 10 मीटर की ऊंचाई पर लैंडर की स्पीड 10 मीटर प्रति सेकंड था
- अंततः चांद की सजा पर उतरते समय सॉफ्ट लैंडिंग के लिए सिलेंडर की स्पीड 1.68 मीटर प्रति सेकंड था इस तरह से चंद्रयान दिन की सफलतापूर्वक चंद्रमा पर लैंडिंग हो गया
Chandrayan 3 Landing FAQ
चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला दुनिया का पहला देश
India – भारत
चंद्रमा पर पहुंचने वाला चौथा देश बना
भारत