LK Advani latest News के साथ:- वह तारीख 8 नवंबर साल 1927 थी जब पाकिस्तान के कराची में जन्म हुआ था, भारत रत्न LK Advani लाल कृष्ण आडवानी का हा लाल कृष्ण आडवानी जी अब केवल लाल कृष्ण आडवानी नहीं रहे उनकी पहचान अब भारत रत्न लाल कृष्ण आडवानी के तौर पर हो रही है ऐसा इसलिए क्योंकि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बात का ऐलान किया कि बीजेपी के एक जमाने में सबसे बड़े नेता रहे अटल बिहारी वाजपेई साहब के खासम खास मित्र रहे देश के पूर्व गृह मंत्री देश के पूर्व उप प्रधानमंत्री सूचना प्रसारण मंत्री और राम मंदिर आंदोलन के सबसे बड़े अगुवाई रहे लाल कृष्ण आडवानी जी को अब भारत रत्न के पुरस्कार से नवाजा जाएगा ऐसा पाने वाले वह बीजेपी के दूसरे नेता होंगे क्योंकि इससे पहले अटल बिहारी वाजपेई साहब को यह मिला था और जीवित व्यक्तियों में शायद संभवत वह तीसरे व्यक्ति होंगे पॉलिटिशियन में क्योंकि इंदिरा गांधी राजीव गांधी को उनकी सरकार में मिला था अपनी सरकार में उन्होने खुद को दिया था और
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यहां पर आडवानी जी को मोदी जी की सरकार में मिल रहा है तो यह भी एक अपने आप में बड़ी बात है इधर देश की वह 50वीं शख्सियत होंगे जिन्हें भारत रत्न पुरस्कार से नवाजा जाएगा मोदी जी ने कहा कि योगदान उनका रहा है और उस योगदान का सम्मान करते हुए भारत रत्न हालांकि लालकृष्ण आडवानी को इससे पहले भी कई बड़े पुरस्कार मिल चुके हैं जिसमें देश का दूसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्मभूषण जो है वो भी उनको मिला था यह उस साल मिला था जिस साल अटल बिहारी वाजपेई साहब को भारत रत्न दिया गया था और आडवाणी जी के बारे में अगर हम आपको बताएं तो जन्म इनका जो है वो पाकिस्तान कराची में हुआ था कराची की पैदाइश है लेकिन कट्टर हिंदूवादी नेताओं के तौर पर इनकी पहचान रही हालांकि बाद में जिन्ना की मजार पर जाने को लेकर विवाद भी रहा क्योंकि प्रधानमंत्री बनने को पहले को लेकर कहा जा 2003 में जब बीजेपी हारी थी उसके बाद सात के चुनाव के पहले वो गए थे खैर इस वक्त आडवाणी जी जो हैं वो 96 साल के हैं और एक्रॉस पार्टी उनकी एक फैन फॉलिंग हमेशा रही है जिसमें लालू यादव से लेकर तमाम लोग हमेशा उनको आडवानी जी या बड़े सम्मान संबोधित करते हैं
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1942 में आरएसएस से इन्होंने शुरुआत की थी एक वॉलंटस एस के वॉलेटर बनकर आए 1970 से लेकर 72 तक जनसंघ के इकाई अध्यक्ष थे 73 से लेकर 77 तक जनसंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे वही जनसंघ जो बाद में चलकर भारतीय जनता पार्टी हुआ 70 से 89 तक चार बार राज्यसभा के सदस्य रहे 77 में जनता पार्टी के महासचिव जो हैं वो भी आडवाणी थे 1977 से लेकर 79 जब इंदिरा गांधी की सरकार गई थी और नई सरकार बनी थी उसमें जनता पार्टी की सरकार में सूचना प्रसारण मंत्री जो है वह भी लाल कृष्ण आडवाणी जी रहे 1986 से लेकर 1991 तक और 1993 से लेकर 1998 और उसके बाद 2004-5 में वह बीजेपी के भी नेशनल प्रेसिडेंट थे 1989 में लोकसभा के लिए दिल्ली से सांसद चुने गए थे इसके अलावा 89 से 91 में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष थे 91-98-99-2004-2009 एंड 2014 में गुजरात के गांधीनगर से वह सांसद भी चुने गए थे 98 से लेकर 2004 तक देश के गृहं थे और अटल बिहारी वाजपेई की सरकार में वो डिप्टी पीएम भी थे हालांकि डिप्टी पीएम एक ऐसा टर्म है जिसको लेकर कोई आधिकारिक तौर पर तो नहीं है लेकिन उप मुख्यमंत्री जैसे कहते हैं वैसे उस जमाने में चलता था कि उप प्रधानमंत्री बहुत लोग यह मानते थे कि
वह प्रधानमंत्री बनेंगे लेकिन नयी बने सरकार नयी आई
अभी अयोध्या भी उनको जाना था रामलला के मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में लेकिन वहां पर भी वह नहीं गए और कहा गया एज फैक्टर है लेकिन रामलला के मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद जब यहां पर उनको यह भारत तत्व मिल रहा है तो यह संयोग नहीं हो सकता है क्योंकि इसके पीछे एक मैसेज भी है लालकृष्ण आडवानी की बहुत बड़ी भूमिका थी वो जो रथयात्रा निकली थी उसका बहुत बड़ा जबरदस्त असर पड़ा था प्रमोद महाजन नरेंद्र मोदी उस रथ यात्रा को ऑर्गेनाइज कर रहे थे और आडवानी की अगवाई में वो रथ यात्रा निकली थी जिसे बिहार में रोका गया था
लेकिन तब तक उसने माहौल देश में बना दिया था 25 दिसंबर साल 1990 में रथ यात्रा की शुरुआत हुई थी और गुजरात के सोमनाथ से इसकी शुरुआत हुई थी हालांकि इनिशियली कहा गया था कि यह रथ यात्रा नहीं होगी पैदल यात्रा होगी लेकिन तब नरेंद्र मोदी और प्रमोद महाजन इन दो लोगों ने सुझाव दिया कि पैदल यात्रा चलेंगे तो फिर आप बहुत लंबा जा नहीं पाएंगे आपको रूट चेंज करना चाहिए या कुछ साधन चेंज करना चाहिए तो फिर ये डिसाइड हुआ कि कार में चलते हैं फिर य हुआ कार कनेक्ट नहीं होगी देन दे डिसाइडेड कि एक गाड़ी को रथ बनाते हैं और इसको नाम देते हैं राम जी को लेकर रथ यात्रा और वही रथ यात्रा जो थी उसका असर यह हुआ कि गुजरात के सोमनाथ से जब अयोध्या तक रथ यात्रा निकालने की बात हुई तो 25th ऑफ दिसंबर 1990 में इस रथयात्रा का इंपैक्ट बहुत बड़ा पड़ा और मोदी और प्रमोद महाजन ने जबरदस्त तरीके से इसे निभाया इसका असर यह था कि 84 में जो बीजेपी दो सीट जीत कर आई थी जब 1991 में चुनाव होता है तब वो 120 सीट जी जाती है दो से 120-118 सीट का फायदा हुआ और यही कमाल था उसके बाद मध्य प्रदेश उत्तर प्रदेश गुजरात बिहार इन तमाम राज्यों में बीजेपी को एक नई पहचान मिली हिंदुत्व का झंडा जो था वोह यहां से उठा एक बड़े हिंदूवादी नेता के तौर पर वो उठे हालांकि बाद में लालू यादव ने 23 अक्टूबर 1990 को उनको गिरफ्तार करवा लिया था लेकिन उसके पहले जो काम वो करना चाह रहे थे वो हो गया था तो यहां पर अब उनको उसका शायद एक तरीके से रिवॉर्ड दिया जा रहा है इससे पहले बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री उनको मिला था 49 एंड 50 इज लाल कृष्ण आडवाणी भारत रत्न मिल