कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) के अनुसार, भारत भर में जन्माष्टमी के त्यौहार के कारण रिकॉर्ड तोड़ व्यापार में उछाल आया, जिसमें 25,000 करोड़ रुपये से अधिक का लेन-देन हुआ। वर्ष के सबसे अधिक व्यावसायिक रूप से सक्रिय अवधियों में से एक, जन्माष्टमी के जीवंत उत्सव ने उपभोक्ताओं के बीच जबरदस्त खर्च को बढ़ावा दिया।.
प्रमुख श्रेणियों में उल्लेखनीय बिक्री
कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने बताया कि जन्माष्टमी पर्व के दौरान फूल, फल, मिठाई, देवी-देवताओं की पोशाकें, सजावटी सामान, व्रत की मिठाई, दूध, दही, मक्खन, सूखे मेवे समेत विभिन्न वस्तुओं की बड़े पैमाने पर बिक्री हुई।.
सनातन अर्थव्यवस्था के चालक के रूप में त्यौहार
खंडेलवाल ने इस बात पर जोर दिया कि जन्माष्टमी जैसे त्यौहार सनातन अर्थव्यवस्था का अभिन्न अंग हैं, जो पूरे देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करते हैंकैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया ने कहा कि जन्माष्टमी पूरे देश में, विशेषकर उत्तर और पश्चिम भारत में बड़े उत्साह के साथ मनाई गई।
सनातन अर्थव्यवस्था के चालक के रूप में त्यौहार
खंडेलवाल ने इस बात पर जोर दिया कि जन्माष्टमी जैसे त्यौहार सनातन अर्थव्यवस्था का अभिन्न अंग हैं, जो पूरे देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करते हैंकैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया ने कहा कि जन्माष्टमी पूरे देश में, विशेषकर उत्तर और पश्चिम भारत में बड़े उत्साह के साथ मनाई गई।
जीवंत उत्सव और सजावट
26 अगस्त 2024 को देशभर में कृष्ण जन्माष्टमी मनाई गई। भक्तों ने पारंपरिक रूप से व्रत रखा और मंदिरों और घरों को फूलों, दीयों और लाइटों से सजाया। मंदिरों को आकर्षक ढंग से सजाया गया, जिससे बड़ी संख्या में दर्शनार्थी उमड़ पड़े.
अभिनव आकर्षण और समारोह
जन्माष्टमी उत्सव में डिजिटल झांकी, भगवान कृष्ण के साथ सेल्फी पॉइंट और कई अन्य मनमोहक दृश्य जैसे विशेष आकर्षण शामिल थे। शहरों में भजन, धार्मिक नृत्य और संतों और ऋषियों द्वारा प्रवचनों की भरमार रही। विभिन्न सामाजिक संगठनों ने भी बड़े पैमाने पर जन्माष्टमी समारोह का आयोजन किया.
जन्माष्टमी का महत्व
शास्त्रों के अनुसार, जन्माष्टमी भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को भगवान कृष्ण के जन्म के उपलक्ष्य में मनाई जाती है।
आगामी त्यौहारों की प्रत्याशा
इस महीने की शुरुआत में CAIT ने राखी के त्यौहार के दौरान देशभर में 12,000 करोड़ रुपये से ज़्यादा के त्यौहारी कारोबार का अनुमान लगाया था। व्यापार निकाय ने पिछले कुछ सालों में राखी के कारोबार में लगातार वृद्धि की रिपोर्ट दी है, जो 2018 में 3,000 करोड़ रुपये से बढ़कर 2022 में 7,000 करोड़ रुपये हो गया है।.
बाजार की उत्साहपूर्ण प्रतिक्रिया
CAIT के अनुसार, बाजारों में खरीदारी के लिए भारी भीड़ देखी जा रही है और लोग आगामी त्योहारों को लेकर काफी उत्साहित हैंसारांश: जन्माष्टमी के त्यौहार के दौरान पूरे भारत में 25,000 करोड़ रुपये से अधिक का रिकॉर्ड-तोड़ कारोबार हुआ, जो विभिन्न क्षेत्रों में उपभोक्ताओं के जबरदस्त खर्च की वजह से हुआ। CAIT ने सनातन अर्थव्यवस्था में त्यौहारों के महत्व और पिछले कुछ वर्षों में राखी के कारोबार में लगातार वृद्धि पर प्रकाश डाला। आगामी त्यौहारों की प्रत्याशा में बाज़ारों में खरीदारों की ओर से उत्साहपूर्ण प्रतिक्रिया देखी जा रही है।