एससी/एसटी आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले के विरोध में आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति ने 21 अगस्त, 2024 को भारत बंद का आह्वान किया है। बंद को व्यापक समर्थन मिला है, खासकर एससी/एसटी समुदायों से, और देश के विभिन्न हिस्सों में इसका असर पड़ने की उम्मीद है।
भारत बंद के पीछे कारण
यह बंद सर्वोच्च न्यायालय के उस फैसले के विरोध में है, जिसमें राज्यों को अपने यहां कानून बनाने की अनुमति दी गई है। उप श्रेणियों अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) आरक्षण के भीतर। इस निर्णय का उद्देश्य सबसे अधिक जरूरतमंद लोगों को प्राथमिकता देना है, लेकिन इसने काफी विवाद खड़ा कर दिया है। आलोचकों का तर्क है कि यह आरक्षण प्रणाली के मूल सिद्धांतों को कमजोर करता है, जिसके कारण इस फैसले को पलटने की मांग को लेकर देशव्यापी विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया गया।
अधिकारी हाई अलर्ट पर
संभावित अशांति की आशंका के चलते, देश भर में पुलिस बलों ने अपनी मौजूदगी बढ़ा दी है, खास तौर पर संवेदनशील इलाकों में। पश्चिमी उत्तर प्रदेश को विशेष रूप से संवेदनशील क्षेत्र के रूप में पहचाना गया है और उसे हाई अलर्ट पर रखा गया है। अधिकारी बाजार संघों और बंद का आयोजन करने वाले समूहों के साथ समन्वय कर रहे हैं ताकि विरोध प्रदर्शन के दौरान कानून और व्यवस्था बनाए रखी जा सके।
क्या खुला रहेगा और क्या बंद?
आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति ने सभी व्यापारिक प्रतिष्ठानों से विरोध प्रदर्शन के समर्थन में बंद रखने का आग्रह किया है। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि देश भर के बाजार इसका पालन करेंगे या नहीं, क्योंकि बाजार समितियों की ओर से कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।
बंद के बावजूद, एम्बुलेंस, चिकित्सा सेवा, पेयजल, सार्वजनिक परिवहन, रेल सेवाएं और बिजली आपूर्ति जैसी आवश्यक सेवाएँ चालू रहेंगी। सरकारी कार्यालय, बैंक, स्कूल, कॉलेज और पेट्रोल पंप भी खुले रहने की उम्मीद है, ताकि दैनिक जीवन में न्यूनतम व्यवधान सुनिश्चित हो सके।
निष्कर्ष
21 अगस्त को भारत बंद सुप्रीम कोर्ट के विवादास्पद फ़ैसले के जवाब में एक महत्वपूर्ण घटना है। हालाँकि बंद से कुछ व्यवधान पैदा होने की आशंका है, लेकिन आवश्यक सेवाएँ चालू रहेंगी और अधिकारी पूरे देश में शांति और व्यवस्था बनाए रखने के लिए कदम उठा रहे हैं।