Baster Coffee – बस्तर में ऐसे होती है कॉफी की खेती जानिए पूरी जानकारी 2023

Satyapal
Satyapal - Website Manager
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छत्तीसगढ़ कि बस्तर जिले में बस्तर कॉफी Baster Coffee का उत्पादन प्रचुर मात्रा में किया जा रहा है ,बस्तर के तरफ इलाके में लगभग 20 एकड़ में यह स्तर काफी का क्षेत्रफल हुआ है जो कि लगभग 6 साल पहले इसकी शुरुआत हुआ था आज के दिन में यहां बनने वाला कॉफी पूरे देश में भेजा जाता है साथ ही मल्टी लेवल लगाकर की अच्छी कीमतों में इसको बेचा जाता है साथ ही बस्तर जिले में बहुत ही अन्य किस प्रकार की फसल लिया जाता है जिससे यहां काम करने वाली स्व सहायता समूह को लाभ मिल रहा है|

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बस्तर की कॉपी में जो स्वाद है वह बहुत ही अच्छा है क्योंकि यहां के लोगों ने भी इसका स्वाद चक्र है इसकी पैदावार बहुत अधिक होने के कारण यहां पर कहीं फाउंडेशन चलाया जा रहा है जिनमें से एक फाउंडेशन के संचालक बसंती यादव है यहां पर जो भी फाउंडेशन के संचालक महिला समूह को दिया जाता है ताकि वे अच्छे से इसका देखभाल कर सके।

Baster Coffee – कैसे की जाती है कॉफी की खेती

सबसे पहले इसके लिए कई एकड़ में काफी के पौधों को लगाया जाता है इसके लिए छायादार इलाका होना चाहिए जिसमें काफी का उत्पादन अच्छी तरह से होता है अगर इसके क्षेत्र में छाया नहीं होता है तो उसका उत्पादन में प्रभाव पड़ता है इसको साल में दो बार छाती किया जाता है साथ ही अच्छा उत्पादन होने पर इसका पुनः देखभाल किया जाता है छोटे-छोटे पौधे होने से इसमें अच्छे से बीज बनता है।

महिला संचालक कॉफी बारे में क्या कहते हैं

महिला संचालक बसंती यादव जी कहती है कि 2016 के बाद उन्होंने अब तक दो बार इसका फसल ले चुका है उनके इस समिति में लगभग 16 लोग जुड़े हैं लेकिन कुछ लोग कभी कभार ही आते हैं इसका वेतन भत्ता डायरेक्ट ना मिलकर के मनरेगा के तहत सरकार द्वारा दिया जाता है फसल लेने के बाद उसकी कटिंग किया जाता है ताकि पैदावार अच्छे से हो।

कैसे बनता है बस्तर कॉफी

महिला संचालक ने बताया कि इसकी फल को तोड़ने के बाद इसको एक दिन रखा जाता है उसके बाद अगले दिन इसको पीसी किया जाता है पत्थर की सहायता से पीसने के बाद इसके बीच को पानी में डूबा दिया जाता है पानी में डूबने के बाद इसको अगले दिन सुखा दिया जाता है इसको सूखने के बाद इसको पास के एग्रीकल्चर कॉलेज में इसको आगे प्रक्रिया के लिए भेज दिया जाता है इस तरह से बस्तर कॉपी बनाया जाता है |

जनपद पंचायत सीईओ का बातचीत

बस्तर जिले की दरभा जनपद पंचायत की मुख्य कार्यकारी अधिकारी के मीडिया बातचीत के अनुसार पता चला कि बस्तर कॉफी के उत्पादन के लिए इसको छाया की बहुत ही आवश्यकता होता है इसके लिए इस सिल्वर रूप के पौधों के नीचे रखा जाता है ताकि पैदावार अच्छे से हो सिल्वरओप पौधे का इस्तेमाल इसलिए किया जाता है क्योंकि यह अन्य पेड़ों की तुलना में जल्दी बड़े होते हैं

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