नोएडा निवासी ज्योत्सना भाटिया ने हाल ही में सिम कार्ड धोखाधड़ी में ₹27 लाख गंवाए, जैसा कि रिपोर्ट में बताया गया है। हिंदुस्तान टाइम्सयह घोटाला, जिसमें एक नकली टेलीकॉम एग्जीक्यूटिव शामिल था, उसके मोबाइल फोन के लिए eSIM सुविधा को सक्रिय करने के बारे में एक व्हाट्सएप कॉल से शुरू हुआ। घोटालेबाज ने भाटिया को एसएमएस के माध्यम से भेजे गए एक कोड को साझा करने के लिए राजी किया, जिसके कारण उसका मोबाइल नंबर निष्क्रिय हो गया, जिससे घोटालेबाज को उसके बैंक खातों तक पहुँचने की अनुमति मिल गई।
क्या गलत हो गया?
जालसाज ने खुद को कस्टमर केयर एक्जीक्यूटिव बताया और एक नया खाता सक्रिय करने का झांसा दिया। eSIM से पीड़ित को धोखा देनाभाटिया को 2-3 दिनों के भीतर एक भौतिक सिम कार्ड देने का वादा किया गया था, लेकिन सिम निष्क्रिय होने के बाद, उन्हें प्रतिस्थापन नहीं मिला। दूरसंचार सेवा केंद्र पर जाने पर, उन्हें अपने बैंक खातों से कई अनधिकृत लेनदेन का पता चला। धोखेबाज़ ने:
- उसकी फिक्स डिपाजिट तोड़ दी
- दो बैंक खातों से पैसे उड़ाए
- उसके नाम पर 7.40 लाख रुपये का ऋण दिया गया
घोटालेबाज ने उनके मोबाइल बैंकिंग एप्लिकेशन तक पहुंच बनाई, उनकी ईमेल आईडी बदल दी और कुल 27 लाख रुपये की धनराशि ट्रांसफर कर ली।
प्रमुख गलतियाँ और खतरे के संकेत
घोटाले के दौरान कई चेतावनी संकेतों को नज़रअंदाज़ किया गया। एक प्रमुख लाल झंडा तथाकथित ग्राहक सेवा कार्यकारी से प्रारंभिक व्हाट्सएप कॉल था, जो वास्तविक परिदृश्यों में असामान्य है। फ़ोन पर ओटीपी या कोड जैसी संवेदनशील जानकारी साझा करना एक और गंभीर गलती थी।
ई-सिम कार्ड धोखाधड़ी से कैसे बचें?
स्वयं को ऐसी ही धोखाधड़ी योजनाओं का शिकार होने से बचाने के लिए निम्नलिखित सावधानियों पर विचार करें:
- eSIM तकनीक को समझें:
eSIM एक डिजिटल सिम कार्ड है जिसके लिए किसी भौतिक चिप की आवश्यकता नहीं होती है। eSIM सेवाओं पर स्विच करने से पहले हमेशा आधिकारिक वेबसाइट देखें या व्यक्तिगत रूप से किसी टेलीकॉम सेवा केंद्र पर जाएँ। - पहचान सत्यापित करें:
फ़ोन पर किसी के साथ OTP, कोड या पासवर्ड जैसी संवेदनशील जानकारी कभी भी साझा न करें। ऐसी जानकारी मांगने वाले किसी भी व्यक्ति की पहचान हमेशा सत्यापित करें, खासकर अगर कॉल WhatsApp या अन्य मैसेजिंग ऐप के ज़रिए आती है। - अनचाहे कॉल से सावधान रहें:
अगर आपको अप्रत्याशित कॉल या संदेश मिलते हैं, जिसमें नई सुविधाएँ या सेवाएँ देने की पेशकश की जाती है, तो सावधान हो जाएँ। धोखेबाज़ अक्सर अपनी असली पहचान छिपाने के लिए WhatsApp जैसे ऐप का इस्तेमाल करते हैं। सीधे ग्राहक सेवा से संपर्क करके किसी भी जानकारी की दोबारा जाँच करें। - अपने बैंक खातों पर नज़र रखें:
किसी भी संदिग्ध गतिविधि के लिए अपने बैंक खातों की नियमित जांच करें और किसी भी समस्या की सूचना तुरंत अपने बैंक और प्राधिकारियों को दें।
सूचित और सतर्क रहकर, आप परिष्कृत सिम कार्ड धोखाधड़ी योजनाओं का अगला शिकार बनने से बच सकते हैं।