मंगलवार को कर्नाटक विधानसभा ने बीजेपी विधायकों के कड़े विरोध के बावजूद कर्नाटक मोटर वाहन कराधान (दूसरा संशोधन) विधेयक, 2024 पारित कर दिया। यह नया विधेयक वाहन पंजीकरण के समय दोपहिया वाहनों के लिए 500 रुपये और कारों के लिए 1,000 रुपये का अतिरिक्त उपकर पेश करता है।
विधेयक का विवरण
परिवहन मंत्री रामलिंगा रेड्डी की ओर से कानून और संसदीय कार्य मंत्री एचके पाटिल ने विधेयक पेश किया। इस संशोधन का प्राथमिक उद्देश्य कर्नाटक मोटर ट्रांसपोर्ट और अन्य संबद्ध श्रमिक सामाजिक सुरक्षा और कल्याण कोष के लिए अतिरिक्त धन एकत्र करना है। नया उपकर मौजूदा 10 प्रतिशत उपकर के साथ लगाया जाएगा राज्य में बुनियादी ढांचा परियोजनाएं और अन्य सामाजिक योजनाएं।
विपक्ष की प्रतिक्रिया
विपक्ष के नेता आर अशोक सहित भाजपा विधायकों ने विधेयक का कड़ा विरोध करते हुए तर्क दिया कि इस अतिरिक्त उपकर से आम आदमी पर बोझ पड़ेगा, खासकर इस साल की शुरुआत में ईंधन कर में बढ़ोतरी के बाद। विरोध के बावजूद विधेयक विधानसभा से पारित हो गया और अब विधान परिषद से मंजूरी का इंतजार है।
संशोधन का उद्देश्य और प्रभाव
विधेयक में नए वाहनों के पंजीकरण के दौरान अतिरिक्त उपकर लगाने के लिए कर्नाटक मोटर वाहन कराधान अधिनियम, 1957 की धारा (3ए) के तहत एक नई उपधारा (1बी) का प्रस्ताव है। इस कदम का उद्देश्य मोटर परिवहन श्रमिकों और संबद्ध क्षेत्रों का समर्थन करने वाले कल्याण कोष में योगदान करना है।
मौजूदा उपकर प्रावधान
नए उपकर के अलावा, अधिनियम के मौजूदा प्रावधान पहले से ही कई उपकर लगाते हैं, जिसमें बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए 10 प्रतिशत उपकर और शहरी परिवहन निधि के लिए 1 प्रतिशत उपकर शामिल है। नया उपकर परिवहन वाहनों पर मौजूदा 3 प्रतिशत उपकर में जुड़ जाएगा।
निष्कर्ष
जबकि नए उपकर का उद्देश्य परिवहन क्षेत्र में श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा निधि का समर्थन करना है, विपक्ष इसे जनता पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ के रूप में देखता है। जैसे ही विधेयक विधान परिषद में जाएगा, यह देखना बाकी है कि इसका राज्य भर के वाहन मालिकों पर क्या प्रभाव पड़ेगा।