8वें वेतन आयोग को लेकर चल रही अटकलों के बीच वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा कि सरकार की फिलहाल इसे स्थापित करने की कोई योजना नहीं है। इस घोषणा ने इसके आसन्न गठन की अफवाहों पर विराम लगा दिया है।

- 2016 में लागू 7वें वेतन आयोग ने केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए न्यूनतम वेतन निर्धारित किया ₹18,000 और अधिकतम ₹2.5 लाख।
- यदि 8वें वेतन आयोग का गठन होता है, तो अनुमान है कि न्यूनतम वेतन बढ़कर ₹51,500 हो सकता है, जिससे मुद्रास्फीति और जीवनयापन की बढ़ती लागत के अनुरूप वेतन समायोजन की मांग को संबोधित किया जा सकेगा।
महंगाई के बीच कर्मचारियों की मांगें
केंद्र सरकार के कर्मचारी मुद्रास्फीति के कारण बढ़ते वित्तीय दबाव और उच्च जीवन स्तर का हवाला देते हुए 8वें वेतन आयोग की वकालत कर रहे हैं। हालाँकि, सरकार ने इस बात पर जोर दिया है कि वेतन और भत्ते 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों द्वारा निर्देशित रहेंगे।
अटकलें जारी हैं
सरकार के स्पष्टीकरण के बावजूद, कर्मचारी भविष्य की घोषणाओं को लेकर आशान्वित हैं। जब तक कोई ठोस योजना सामने नहीं आती, 8वें वेतन आयोग का मामला अनसुलझा ही रहता है, जिससे आगे की चर्चाओं और बहस की गुंजाइश बनी रहती है।
निष्कर्ष
8वें वेतन आयोग के प्रस्ताव का अभाव कर्मचारी पारिश्रमिक पर सरकार के मौजूदा रुख को दर्शाता है। हालांकि इससे तत्काल अटकलों पर विराम लग गया है, वेतन में उचित समायोजन की मांग जारी है, जो मुद्रास्फीति और रहने की लागत के बारे में कर्मचारियों की चिंताओं को दर्शाती है।