भारत सरकार की तैयारी कर रही है पांच सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में 20% हिस्सेदारी को उतारेंके अनुसार व्यावसायिक मानक। इस कदम का उद्देश्य है 75% से कम सरकारी शेयरहोल्डिंग लानाके साथ संरेखित करना सेबी के सार्वजनिक शेयरहोल्डिंग मानदंड।

हिस्सेदारी बिक्री योजना के प्रमुख मुख्य आकर्षण
🔹 प्रभावित बैंक
- बैंक ऑफ महाराष्ट्र
- भारतीय ओवरसीज बैंक
- यूको बैंक
- भारतीय केंद्रीय बैंक
- पंजाब और सिंध बैंक
🔹 हिस्सेदारी कमजोर पड़ने के तरीके
- प्रस्ताव-बिक्री (ओएफएस): निवेशकों को सरकारी शेयरों की प्रत्यक्ष बिक्री।
- योग्य संस्थागत नियुक्ति (QIP): संस्थागत निवेशकों से धन जुटाना।
🔹 सरकार का उद्देश्य
- का अनुपालन सेबी का सार्वजनिक शेयरहोल्डिंग नियम।
- सामयिक विघटन सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में सरकारी नियंत्रण को कम करने के लिए।
🔹 दीपाम की भूमिका
- निवेश और सार्वजनिक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग (डीआईपीएएम)के साथ वित्तीय सेवा विभागहै निष्पादन योजना को अंतिम रूप देना।
- पर 25 फरवरीदीपाम व्यापारी बैंकरों से बोली लगाई हिस्सेदारी बिक्री की सुविधा के लिए।
- चयनित बैंकर करेंगे समय, रणनीति और निष्पादन पर सलाह दें दांव की कमजोर पड़ने का।
इस कदम के साथ, सरकार का उद्देश्य है बढ़ावा बाजार भागीदारीसुधार पीएसयू बैंकों में दक्षताऔर वित्तीय क्षेत्र सुधारों के साथ संरेखित करें।