केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में सड़क दुर्घटनाओं के पीड़ितों के लिए नकद रहित उपचार प्रदान करने की एक अग्रणी योजना की घोषणा की। इस पहल को चंडीगढ़ और असम में पायलट के तौर पर शुरू किया जा रहा है और इसका उद्देश्य मोटर वाहन दुर्घटनाओं में शामिल व्यक्तियों को व्यापक चिकित्सा सहायता प्रदान करना है।
योजना कार्यान्वयन और कवरेज
परिवहन मंत्रालय ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) के सहयोग से इस योजना को विकसित किया है और इसे लागू करना शुरू कर दिया है। इसमें मोटर वाहनों के कारण होने वाली सड़क दुर्घटनाओं के पीड़ितों के लिए चिकित्सा उपचार शामिल है, चाहे सड़क का प्रकार कुछ भी हो। यह योजना सुनिश्चित करती है कि पात्र पीड़ितों को आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री-जन आरोग्य योजना (एबी पीएम-जेएवाई) के तहत सूचीबद्ध अस्पतालों में आघात और बहु-आघात देखभाल के लिए स्वास्थ्य लाभ पैकेज मिले। कवरेज अधिकतम तक है सात दिनों की अवधि के लिए 1.5 लाख रुपये दुर्घटना की तारीख से।
प्रशासनिक ढांचा
यह योजना मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 164बी के अनुसार स्थापित मोटर वाहन दुर्घटना निधि के तहत प्रशासित है। आय के स्रोत और निधि उपयोग को केंद्रीय मोटर वाहन (मोटर वाहन दुर्घटना निधि) नियम, 2022 में रेखांकित किया गया है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय का हिस्सा एनएचए स्थानीय पुलिस, सूचीबद्ध अस्पतालों, राज्य स्वास्थ्य एजेंसियों, राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र और सामान्य बीमा परिषद के समन्वय में कार्यक्रम के कार्यान्वयन की देखरेख करता है।
पायलट कार्यक्रम विवरण
मंत्री गडकरी ने बताया कि मोटर वाहन अधिनियम 1988 के तहत पायलट कार्यक्रम, दुर्घटना के स्थान की परवाह किए बिना, मोटर वाहनों के कारण होने वाली सड़क दुर्घटनाओं के पीड़ितों की सहायता करता है। इस पहल का उद्देश्य दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों को कम करना और सड़क दुर्घटना के पीड़ितों को बेहतर उपचार प्रदान करना है।
लक्ष्य और प्रभाव
इस योजना का प्राथमिक लक्ष्य तत्काल और प्रभावी चिकित्सा देखभाल प्रदान करके सड़क दुर्घटनाओं के कारण होने वाली मौतों को कम करना है। कैशलेस उपचार की पेशकश करके, सरकार पीड़ितों और उनके परिवारों पर वित्तीय बोझ को कम करने की उम्मीद करती है, जिससे समय पर और पर्याप्त चिकित्सा हस्तक्षेप सुनिश्चित होता है।
निष्कर्ष
यह अभिनव योजना भारत में दुर्घटना पीड़ितों के लिए सड़क सुरक्षा और स्वास्थ्य सेवा की सुलभता में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। जैसे-जैसे पायलट कार्यक्रम आगे बढ़ेगा, इसे देश भर में विस्तारित करने की संभावना है, जिससे अनगिनत व्यक्तियों को महत्वपूर्ण सहायता मिलेगी और देश के आपातकालीन चिकित्सा प्रतिक्रिया बुनियादी ढांचे में वृद्धि होगी।
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