एक साइबर धोखाधड़ी की घटना सामने आई है जहां कथित तौर पर कंबोडिया से संचालित होने वाले घोटालेबाजों ने उत्तर प्रदेश के मंत्री नंद गोपाल गुप्ता के अकाउंटेंट रितेश श्रीवास्तव को ₹2.08 करोड़ का चूना लगाया। यह विस्तृत घोटाला अंतरराष्ट्रीय साइबर अपराध नेटवर्क के बढ़ते परिष्कार को उजागर करता है।
कैसे खुला घोटाला
13 नवंबर को, श्रीवास्तव को एक प्राप्त हुआ व्हाट्सएप संदेश ऐसा प्रतीत होता है कि यह मंत्री के बेटे और कंपनी के निदेशक अभिषेक गुप्ता का है। घोटालेबाजों ने श्रीवास्तव का विश्वास हासिल करने और संवेदनशील कंपनी खाते के विवरण तक पहुंच हासिल करने के लिए इस प्रतिरूपण रणनीति का इस्तेमाल किया।
यह मानते हुए कि अनुरोध वैध था, श्रीवास्तव ने कथित तौर पर तत्काल व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए तीन अलग-अलग खातों में धन हस्तांतरित किया।
जांच और गिरफ्तारियां
उत्तर प्रदेश साइबर पुलिस ने कंबोडिया, दुबई और पाकिस्तान में सक्रिय घोटालेबाजों के नेटवर्क से धोखाधड़ी का पता लगाया। 24 नवंबर को पांच संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया:
- दिव्यांशु सिंह (24) पटना से
- पुलकित द्विवेदी (20) मऊ से
- संजीव कुमार राय (41)
- सुरजीत सिंह (28)
- विजय कुमार बरेली से
पुलिस ने ₹12 लाख बरामद किए और संदिग्धों के बैंक खाते फ्रीज कर दिए। घोटालेबाजों ने कथित तौर पर दो संस्थाओं से जुड़े खातों का इस्तेमाल किया: ग्लोबलाइज़ेशन ट्रेडिंग प्राइवेट लिमिटेड और गैलेक्सी इलेक्ट्रॉनिक्स, जो चुराए गए फंड के ₹1.48 करोड़ को संभालते थे।
कपटपूर्ण बैंकिंग परिचालन
घोटालेबाजों ने ₹1.21 करोड़ की निकासी के लिए 22 से अधिक बैंक खातों का उपयोग किया, साथ ही धोखाधड़ी गतिविधियों से जुड़े अतिरिक्त 100 खातों की पहचान करने और उन्हें फ्रीज करने की योजना बनाई। साइबर पुलिस ने खुलासा किया कि दिव्यांशु और पुलकित ने पीड़ितों को लेनदेन के लिए उच्च कमीशन के वादे का लालच देकर इन खातों की स्थापना में मदद की।
कंबोडिया का कनेक्शन
अधिकारियों ने प्रारंभिक घोटाले के संदेश को एक कंबोडियाई कॉल सेंटर में खोजा, जहां स्थानीय एजेंटों ने चुराए गए धन को स्थानांतरित किया। इंस्पेक्टर राजीव तिवारी ने कंबोडियन-आधारित साइबर अपराधियों को इस घोटाले से जोड़ने के महत्वपूर्ण सबूत देखे।
साइबर फ्रॉड का बढ़ता खतरा
यह घटना तेजी से जटिल होते साइबर घोटालों के खिलाफ कड़ी सतर्कता की आवश्यकता को रेखांकित करती है। जैसे-जैसे साइबर अपराध नेटवर्क विश्व स्तर पर फैल रहा है, संगठनों और व्यक्तियों को अपने वित्त और संवेदनशील जानकारी की सुरक्षा के लिए मजबूत सुरक्षा उपाय अपनाने होंगे।
उत्तर प्रदेश साइबर पुलिस मामले की जांच जारी रखे हुए है, जिसका लक्ष्य सभी दोषियों को न्याय के कटघरे में लाना और शेष चुराए गए धन को बरामद करना है।