बेटी ने माता-पिता, भाई-बहन से किया संबंध विच्छेद आयोग में पहला मामला।
थाना प्रभारी उरला व सीएसपी खमतराई के खिलाफ डिविजन ऑपरेशन की छापेमारी के लिए डीजीपी को भेजा जाएगा पत्र।
दूसरी महिलाओ के डॉक्टर पति को कोई दिक्कत नहीं, उसकी पत्नी किसी के साथ अवैध संबंध में रह रही है।
रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डाॅ. किरणमयी नायक एवं सदस्यगण सरला कोसरिया, लक्ष्मी वर्मा, ओजस्वी मंडावी एवं गुरुदीप शोरी ने आज छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग के कार्यालय रायपुर में महिला प्रस्तुतिकरण से संबंधित प्रकरणों की समीक्षा की। आयोग के अध्यक्ष डाॅ. किरणमयी नायक की राजधानी लखनऊ में आज 301 वि. समीक्षा हुई। रायपुर जिले में 143 वि. जनसुनवाई.
एक अन्य प्रकरण में आवेदिका ने अपने माता-पिता, भाई-बहन के प्रकरण में प्रवेश द्वार के खिलाफ कहा। आवेदिका सभी अनावेदकागणों के परिवार का हिस्सा है। परिवार में संबंध विवाद को लेकर शिकायत की। लेकिन वर्तमान में वेदिका के सभी अनावेदकगणों से अलग-अलग गर्ल्स स्टूडेंट में निवास कर रही है और विस्तृत शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है। जिसका सार यह है कि वह अनावेदकगणों से अपने 65 हजार रु. वापस लेकर अपना सारा दावा और अधिकार छोड़ती है। वह अपने परिवार में माता-पिता, भाई-बहन से भविष्य में किसी भी तरह का कोई रिश्ता नहीं रखेगी।
उन्होंने आयोग के साथ संबंध विच्छेद की घोषणा करते हुए कहा कि उन्हें बेटी, बहन के रूप में अनावेदकगणों द्वारा खुलासा ना किया जाए। आयोग की समझ पर अनावेदकगणों ने आयोग की समझ 65 हजार रु. ऑनलाइन ट्रांसजेक्शन के माध्यम से अवेदिका के स्टिक में पोस्ट किया गया। आयोग द्वारा यह समझाया गया कि भविष्य में एक-दूसरे के विरुद्ध कोई टिप्पणी या दावा नहीं किया जाएगा। इस पर उभय पक्ष सहमत है। इस निर्देश के साथ विनाश प्रकरण दिया गया।
आज की सुनवाई के दौरान अवेदिका ने आयोग के समक्ष बताया कि अवेदिका ने लगभग 6 वर्षों तक अवेदिका का शारीरिक शोषण किया और कुछ ही समय में डॉक्टरों की मांग की। लगभग 5 लाख रु. अनावेदक द्वारा अवेदिका से लिया जा चुका है। तथा एक अन्य अनावेदिका के साथ मिलकर आवेदिका को फ़ोज़ने का प्रयास किया जा रहा है।दोनो अनावेदक आवेदिका से पूर्व परिचित है। अनावेदक अवैदिका द्वारा लगाए गए आरोपों का उत्तर समय चाहता है। समय की मांग के लिए अवेदिका ने भी डॉक्युमेंट पेश किया। एपिसोड आगामी पूर्वावलोकन आयोजित किया गया।
एक अन्य अध्ययन में अवेदिका ने शिकायत की है कि उसकी पत्नी का किसी अन्य महिला से संबंध है। अवेदिका ने दूसरी महिला को भी पार्टकार बनाया जो कि जान बकवास कर आयोग की सुनवाई में खोखली रही है। आयोग की ओर से दूसरी महिला को आगामी समीक्षा में थाने के माध्यम से उपस्थिति का ऑर्डर दिया गया।
आयोग की सलाह पर अनावेदक (पति) ने अपने 11 साल के बेटे की पढ़ाई का खर्चा 1 हफ्ते के अंदर 50 हजार रु. आवेदिका के अभिलेखों में स्थान स्वीकार करना। एपिसोड आगामी पूर्वावलोकन आयोजित किया गया।
एक एपिसोड में आवेदिका 65 साल की वृद्ध महिला है। जिसे अनावेदिका (बहु) कैथी केसर में फंसाने की खतरनाक कंपनी है। अवेदिका ने अपने प्लाट को एक पूरक भाग अनावेदिका और एक पूरक भाग दूसरे पुत्र को दिया।
इसी पैसे की मांग को लेकर अनावेदिका आए दिन आवेदिका को धमाकाती है। आवेदिका ने अनावेदिका (बहु) से अपनी सुरक्षा के लिए आयोग में एपिसोड दर्ज किया है।
आयोग के द्वारा अनावेदिका को समझाया गया कि वह आवेदिका के घर में पास न दे और न ही डराये धमाकाये अन्यथा आवेदिका में घरेलू हिंसा का मामला दर्ज करा दिया। अनावेदक (बहू) द्वारा बुजुर्ग महिला को तंग नहीं करने के लिए सदस्यता प्रकरण पर नास्तिबद्ध किया गया।
अन्य प्रकरण में आवेदिका ने बताया कि अनावेदक के शो रूम से उसने ई-क्रेसी खरीदी थी, लेकिन उसकी बैटरी पुरानी हो गई थी, बैटरी खराब हो गई थी। अवेदिका अपनी याचिका लेकर वापस शो-रूम हो गई लेकिन अवेदिका को ई-चित्र की नई बैटरी नहीं दी गई। आवेदिका ने बताया कि लगभग 5 महीने की ई-स्क्रीन खादी है।
गाडी की बैटरी उनके रोजगार कार्यालय से खराब हो गई है। बैंक का इंटरेस्ट भी बढ़ रहा है। अनावेदक ने अवेदिका को आर.टी.ओ. का दिया कागज़। वेदिका को आर.टी.ओ. 17 हजार रु. की सब्सिडी शासन द्वारा मिलिहास्तान। आयोग की ओर से अनावेदक की दो नई बैटरी अध्यापिकाओं को दिए जाने वाले सुझाव पर सहमति व्यक्त की गई। आयोग की बैटरी का संयोजन-नियुक्ति करने के बाद का एपिसोड खराब हो जाएगा।
आयोग के समक्ष अवेदिका ने बताया कि उनके पति ने चोला मंडल से लोन लिया था, पति की मृत्यु के बाद अवेदिका के समर्थक अनावेदकागणों के साथ मिलकर पूरे मामले को अवेधिका के साथ जोड़कर घर में व्यवसाय का प्रयास जारी है।
आयोग ने अनावेदकगणों को निर्देश दिया कि वह 1 सप्ताह के भीतर सभी दस्तावेज पेश करें कि लोन अवेदिका के पति का नाम था, तो फिर उनकी पत्नी का नाम क्यों रखा गया? यदि ऐसा हुआ तो वेदिका के पति की मत्यु के बाद लोन माफ़ होना चाहिए।
अवेदकों के घर पर कब्ज़ा करने का प्रयास किया जा रहा है जिस पर आयोग ने 1 माह की रोक लगा दी और अवेदकों को सभी दस्तावेज़ प्रस्तुत करने का आदेश दिया आयोग ने दिया ताकि प्रकरण का पता लगाया जा सके।
एक अन्य प्रकरण में आवेदिका एवं अनावेदक (पति) उपस्थित थे, उनके दो बच्चे 19 वर्ष और 15 वर्ष के हैं। अवेदिका ने बताया कि अनावेदक (पति) का अन्य महिला से अवैध संबंध है जिसे अनावेदक (पति) ने पूर्व में हुई सुनवाई में आयोग के लिए स्वीकार किया था। आवेदिका और अनावेदक पति-पत्नी का तलाक नहीं हुआ है। एक और महिला भी शादीशुदा है और उसका भी तलाक नहीं हुआ है। ऐसी दशा में अनावेदक के गलत आचरण से दो परिवार तहस-नहस हो रहे हैं।
आज की सुनवाई में दूसरी महिला और उसके डॉक्टर। पति आयोग में आयोजित गवाह में दूसरी महिला के पति को उसकी अभद्र फोटो दिखाए जाने पर भी उसने अपनी पत्नी के पक्ष में बात की और कहा कि उसकी पत्नी किसी के साथ भी अवैध संबंध में रह रही है, उसे कोई दिक्कत नहीं है।
आयोग की व्याख्या पर अवेदिका और उसके पति ने अभिनय की बात कही, साथ ही दूसरी महिला ने अवेदिका से मांफी को आराम की भविष्य में ऐसी गलती नहीं दी।