Bihar Talab Chori यूपीएससी की परीक्षा में जब नतीजे निकल कर आते हैं तब पता लगता है कि बिहार के लड़कों में सबसे ज्यादा टैलेंट है लेकिन जो यूपीएससी में टैलेंट नहीं दिखा पाते हैं वह बिहार में कई और कामों में टैलेंट दिखा रहे हैं जैसे अभी खबर आई कि बिहार में रातों रात एक पूरा का पूरा तालाब जो है वह गायब कर दिया गया हां जी और सिर्फ तालाब गायब नहीं किया गया मछली गटक ली गई पानी को उड़ेल दिया गया मिट्टी को समतल कर दिया गया वहां से जो मिल रहा था बालू वालू वो सब चुरा लिया गया
Bihar Talab Chori Story
और उसके बाद उसको ऐसा बना दिया गया कि आप वहां पहुंचकर अंदाजा भी नहीं लगा पाएंगे कि इस जगह पर कभी तालाब हुआ करता था लोग हैरान है कह रहे हैं यार यह वाला टैलेंट बिहार का नेक्स्ट लेवल का है वैसे एक जमाने में 3 साल आप थे 1960 70 तक आज बमुश्किल से 60 70 बचे हैं दरभंगा में और वहां पर भी भू माफियाओं का कब्जा जारी है लेकिन यहां टैलेंट सिर्फ पहली बार नहीं बिहार में बिहार में एक से एक टैलेंट है जैसे कुछ दिन पहले खबर आई थी कि बिहार में पूरी की पूरी सड़क लूट ली गई थी तब भी लोग हैरान थे उसके बाद खबर आई कि बिहार में रेलवे का इंजन जो है वो वो चोरी कर लिया गया फिर खबर आई कि रेल की पटरी जो है वो भी बिहार में चुरा ली गई हमने कहा जी गजब है एक लोहे का पुल था वो चुरा लिया गया सात आठ पुल ऐसे हैं जो बने बनने के पहले ही उद्घाटन होने के पहले ही स्वाहा हो गए गायब हो गए पानी में निकल गया करोड़ों करोड़ों के पुल थे
मोबाइल का टावर जो था उसे चुरा लिया गया डॉक्टर साहब के पास इलाज करवाने एक महिला पहुंची थी तो डॉक्टर साहब ने उन महिला को उनके पति से चुरा लिया पुलिस कर्मी जो है वो शराब जप्त करते हैं तो पता लगा शराब थाने से चुरा ली गई तो बिहार में टैलेंट नेक्स्ट मतलब वो कहते हैं ना कि आंखों से काजल चुरा लेना वो वाला टैलेंट बिहार में पता नहीं लगेगा आपको कई लोग तो मजाक में लिखे कि धूम फोर जो आने वाली उसकी स्क्रिप्ट चाहे तो बिहार से चुरा सकते हैं लेकिन हमारे जहन में सवाल आया कि यार बिहार में यह सारी कहानी होती क्यों है और क्यों इस तरह से मामले आते हैं फिर पता लगता है शायद बेरोजगारी जो है वह बहुत ज्यादा है और पलायन होता है भू माफियाओं की नेताओं से साठ घाठ होती है और शायद सबसे बड़ी वजह जो है वहां के नेता है अलग-अलग दौर में सरकारें आती हैं ले लेकिन वाकई में ग्राउंड पर परिस्थितियां अगर बदल देते तो शायद चीजें ना होती फिर पुलिस वालों से शायद साठ घाट अच्छी होगी इस वजह से वह बिहार जिसका एक ऐतिहासिक रिकॉर्ड रहा है जिसका सांस्कृतिक इतिहास रहा है उस बिहार को लेकर जब ऐसी मजाकिया अंदाज में लोग खबरें पढ़ते हैं और चटकारे लेते हैं तो हमको भी बुरा लगता है कि ऐसा क्यों हो रहा है क्योंकि इस बिहार ने दुनिया को बहुत कुछ सिखाया है खासतौर पर भारत को बहुत सारी पहचान दी है और बड़े-बड़े विश्वविद्यालय बड़े-बड़े अ पहचान पढ़ाई लिखाई से लेकर हर चीज में जिस जगह से पहचान निकली वहां पर ऐसी खबरें हैरान करती हैं लेकिन इस खबर को समझना है तो थोड़ा पीछे चलिए क्योंकि ये पहला मामला नहीं है बिहार में 15 साल से बैन लगा हुआ था दरभंगा में जहां पर यह पलल बना हुआ है लेकिन जब इस खबर की डिटेल में आप जाते हैं तो आपको पता लगता है कि 350 तालाब हुआ करते थे 1960 में बिहार के दरबंगा केे में 10 साल बाद फिर सर्वे हुआ पता लगा 350 से वो बच गए केवल 220 बाकी सारे तालाब भू माफियाओं ने गटक लिए अब टकने का फायदा क्या होता है कि जो लोकल अधिकारी होंगे उनको पैसा मिल जाता होगा शासन प्रशासन वालों को थोड़ा दाम कौड़ी मिल जाती होगी हालांकि इस बार पुलिस प्रशासन जो है वो कह रही है कि यार हम काफी कार्रवाई करेंगे लोग कह रहे हैं कि
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भैया तालाब गायब हो गया हमारा जैसे कि यहां के जो अधिकारी हैं वो गए हैं एसडीएम साहब गए हैं डीएम साहब गए हैं और इन सब की तरफ से एक स्टेटमेंट निकल कर आया कि हम लोग इस पर कड़ा एक्शन लेंगे लेकिन इस एक्शन को अगर आप समझेंगे 1960 से तो आपको समझ में आएगा कि अगर एक्शन लिया जाता हर बार तो यह कहानी आती नहीं क्योंकि 1989 में दोबारा सर्वे हुआ तो 213 तालाब बचे उसके बाद अगले 25 सालों में 100 तालाब जो थे बिहार में वो फिर से गायब हो जाते हैं 100 तालाब 100 सा 20 सालों में अ बाकी छोड़िए 2021 आते-आते ये तालाबों की संख्या जो थी केवल 119 बची यानी 60 70 सालों में 70 80 सालों में 350 से 119 बचे अकेले कोविड में जब हम और आप परेशान थे महामारी दुनिया को खाई हुई थी परेशानी बढ़ रही थी तकरीबन 20 से 30 तालाब ऐसे थे जिसे भू माफियाओं ने गटक लिया और धीरे-धीरे धीरे-धीरे तालाब जो था वो छोटा होता गया दरभंगा में एक तालाब है पुलिस थाने के सामने जो 10 बीघे में फैला था उसको धीरे-धीरे करके छह सात बीघे में कर दिया और वहां पर दुकान खोल दी गई अलग-अलग सामान जो है बिकने लगे लोगों ने झोपड़ी रखकर घर बसाना शुरू कर दिया और यही कहानी यहां पर भी हुई अब कभी तालाब के लिए जाने जाने वाला मिथिला जो था अब वहां पर तालाबों की संख्या धीरे-धीरे खत्म हो रही है और भूमाफिया इसके पीछे कोई रॉकेट साइंस नहीं है बहुत सिंपल सी कहानी है कि जमीन के दाम जो हैं वह सातवें आसमान पर जा रहे हैं शासन प्रशासन जो है वो यह जानता है कि दाम महंगा हो रहा है भू माफिया भी इस बात को जानते हैं और भू माफिया इसीलिए चोरी छुपे होशियारी से काम करते हैं वो क्या करते हैं कि धीरे से यहां पर सुटका देते हैं एक-एक तालाब वो गायब करते हैं और उसकी जगह पर जमीन खड़ी कर देते हैं इस बार तो नेक्स्ट लेवल पे काम चला मतलब तालाब से पहले पानी सुखाया गया मछलियां मारी गई होंगी उसके बाद जो उसमें से बालू वालू निकला उसको हटाया गया पूरा वहां पर उसको समतल किया गया सोचिए रात भर में समतल हुआ होगा किसी को पता नहीं चला पूरे शहर भर में फिर उसके बाद वहां पर और उसको थोड़ा कामम किया गया ताकि वह दिखे कि थोड़ा पुराना है नया ना लगे कि आज ही समतल किया गया उसके बाद उसपे एक झोपड़ी भी खड़ी कर दी गई और यह सारा काम रात भर में चलता रहा मामला होता रहा किसी को कोई जानकारी नहीं थी बाद में डीएसपी दरभंगा सिटी के अमित कुमार जो है पहुंचे लोगों ने बताया कहा भैया इस तरह से होगा तो मामला कहां जाएगा इस टैलेंट को क्या कहा जाए तो फिर य हुआ कि ठीक है इस पर जांच पड़ताल करते हैं और जांच पड़ताल करके निकालते हैं लेकिन हमको लगा यार जब 500-700 हजार करोड़ों का पुल एक रात में ढह के गायब हो जाता है जब रातों-रात तालाब चोरी हो जाता है जब सड़कें चोरी कर ली जाती है रेल इंजन चोरी हो जाता है रेल की पटरियां चोरी हो जाती है मोबाइल टावर चोरी हो जाता है तो फिर बड़ा मुश्किल है कि आप इस बारे में कुछ पता करेंगे लेकिन जो भी है दुर्भाग्य है यह बिहार का बिहार के लोगों का क्योंकि ऐसी खबरों की वजह से ही बहुत सारी अ तानों का सामना करना