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Apple Caught Killing Compeition In India By Enforcing App Payment Rules (Expected CCI Verdict) – Trak.in

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ऐप्पल अपने ऐप स्टोर से जुड़ी कथित प्रतिस्पर्धा-विरोधी प्रथाओं के लिए भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) की जांच के दायरे में है। CCI के प्रारंभिक निष्कर्षों से पता चलता है कि Apple ने डेवलपर्स पर प्रतिबंधात्मक भुगतान नियम लागू करके अपनी प्रमुख स्थिति का दुरुपयोग किया है।

ऐप भुगतान नियमों को लागू करके ऐप्पल ने भारत में प्रतिस्पर्धा को खत्म कर दिया (सीसीआई का संभावित फैसला)

विवाद की पृष्ठभूमि

मामला 2021 में शुरू हुआ जब वकालत समूह टुगेदर वी फाइट सोसाइटी (TWFS) आरोपी ऐप्पल अपनी अनिवार्य इन-ऐप भुगतान प्रणाली के माध्यम से लागत बढ़ा रहा है और विकल्पों को सीमित कर रहा है। 2024 में, CCI ने एक प्रारंभिक रिपोर्ट में TWFS का पक्ष लिया, जिसमें Apple पर डिजिटल बाज़ार में प्रतिस्पर्धा को दबाने का आरोप लगाया गया।


एप्पल की प्रतिक्रिया और वृद्धि

Apple ने CCI के निष्कर्षों पर विवाद करते हुए आरोप लगाया है कि नियामक ने TWFS और अन्य तृतीय पक्षों को संवेदनशील बिक्री डेटा लीक किया है। कंपनी ने रिपोर्ट वापस लेने और जांच बंद करने की मांग की, लेकिन सीसीआई ने एप्पल के अनुरोधों को “अस्थिर” माना और अपनी जांच जारी रखी।


मुख्य निष्कर्ष और संभावित प्रभाव

अंदरूनी सूत्रों से संकेत मिलता है कि सीसीआई की रिपोर्ट का निष्कर्ष है कि ऐप्पल की ऐप स्टोर नीतियां भारतीय प्रतिस्पर्धा कानूनों का उल्लंघन करती हैं। हालांकि जुर्माना अनिश्चित बना हुआ है, नियामक Google पर लगाए गए परिवर्तनों के समान परिवर्तन का आदेश दे सकता है, जिसके लिए Apple को तृतीय-पक्ष भुगतान प्रणालियों की अनुमति देने की आवश्यकता होगी। यह ऐप्पल को अपनी ऐप स्टोर नीतियों को यूरोपीय संघ और जापान में पहले से ही लागू किए गए उपायों के साथ समायोजित करने के लिए मजबूर कर सकता है।


भारत के डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र के लिए निहितार्थ

यदि सीसीआई के फैसले को बरकरार रखा जाता है, तो तेजी से बढ़ते डिजिटल बाजार भारत में एप्पल के संचालन के तरीके में बदलाव आ सकता है। यह फैसला निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा और उपभोक्ता की पसंद पर जोर देते हुए वैश्विक तकनीकी दिग्गजों पर बढ़ते नियामक दबाव का भी संकेत देगा।







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