
रायपुर 14 जनवरी 2025/छत्तीसगढ़ के घने जंगलों में माओवादी हिंसा की जगह अब प्रेम और विश्वास की नई इबारत लिखी जा रही है। माओवादी हिंसा का उन्मूलन विकास की मुख्य धारा से जुड़ने वाले महेश-हेमला और मकाम-राववा ने मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के समागम परिणय सूत्र में अबाधित जीवन-जीवन की नई शुरुआत है। मुख्यमंत्री ने परिणय सूत्र में आबद्ध दोनों नवदम्पत्तियों को बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएं देते हुए उनके सुखमय जीवन की कामना की। यह कहानी सुकामा जिले की शांत तस्वीरें हैं, जहां कभी बंदूकें गूंजती थीं, अब वहां शहनाइयां गूंजती हैं।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज 13 जनवरी को सुकामा के मिनी स्टेडियम के लिए 206 करोड़ से अधिक विकास कार्यों की सौगात दी थी। लगभग सात माह पहले बिशपों की हिंसा को खत्म करने के लिए वापसी करने वाले मौसम महेश और हेमला, मड़कम पांडू राववा भीमे ने जिला प्रशासन सुकमा से आग्रह किया था कि वह मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की शरण में परिणय सूत्र में शामिल होकर नए जीवन की शुरुआत करें। चाहते हैं। जिला प्रशासन ने उन चारों को विश्वसनीय समर्थन दिया था कि मुख्मयंत्री श्री साय का जब भी सुकमा आगमन होगा, उस दिन मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत उनकी विवाह विधि विधान से विधान तय की जाएगी। आज 13 जनवरी को मुख्यमंत्री के सुकामा दौरे के दौरान वहां के मिनी स्टेडियम में चारों ओर आत्मसमर्पितों का विधि-विधान से विवाह मुख्यमंत्री श्री साय की धारणा में हुआ, जिसके गवाह वहां मौजूद हजारों-हजार लोग बने। सभी ने नवदम्पट्टियों को आशीर्वाद दिया और उनके सुखद जीवन की कामना की।
बताया जा रहा है कि गगनपल्ली गांव के रहने वाले महेश सीजन और डुब्बामरका की रहने वाली हेमला मुन्नी और कन्हाईपाद निवासी मड़कम पांडू और सल्लातोंग के रव्वा भीमे ये चारों पहले अभिभावक संगठन से जुड़े हुए थे। छत्तीसगढ़ सरकार के समुदायों से प्रभावित इन चारों ने जून 2024 में युवाओं की हिंसा को खत्म कर दिया था। सीज़न महेश लगभग बारह साल तक दलित संगठन से जुड़े रहे। मैडम पांडू और हेमला मुन्नी 9 साल तक और रव्वा भीमे 6 साल तक होटल संगठन और उसके आश्रम से जुड़े हुए।
परिणय सूत्र में निरस्त होने के बाद मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव से आशीर्वाद प्राप्त करके कहा कि महेश-हेमला और मैडम-राव्वा ने बताया कि उन्हें रास्ता भटकने और हिंसा में शामिल होना बेहद दुखद है। छत्तीसगढ़ सरकार की तेरहवीं नीति और नियाद नेल्ला नार योजना से प्रभावित वे चारों ओर विकास और शांति की मुख्य धारा में शामिल होने का निर्णय लिया गया। उनका कहना था कि सरकार के विध्वंसकारी समुदाय प्रभावित हुए हैं, जिनमें विभिन्न मित्र-आचार्य शामिल हैं, जिनमें से कई युवा मित्र समर्पण कर चुके हैं और कई मित्र समर्पण करने का मन बना चुके हैं।
उनका कहना था कि छत्तीसगढ़ सरकार ने स्टॉकहोम में कार्यशाला और समाज में स्टॉक जीवन जीने का अवसर दिया है। समर्पण करने वाले राष्ट्रमंडल को रोजगार, मकान और पेंशन के लिए आर्थिक सहायता मिल रही है। यह कहानी केवल प्रेम की जीत की है, बल्कि छत्तीसगढ़ सरकार की कहावत नीति की सफलता का प्रतीक है। परिणय सूत्र में आज चारों युवा-युवतियों ने यह साबित किया है कि प्यार, विश्वास और सहानुभूति से अपमान और हिंसा को हराया जा सकता है।