वास्तुशिल्प संस्थान से बच सकते हैं जिदगियां, सूरजपुर पुलिस ने स्कूल के छात्रों को इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरण से बचाया जा सकता है।
सूरजपुर। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रशांत कुमार ठाकुर के निर्देशानुसार जिलों की पुलिस में दिव्यांगों, नागरिकों को सलाह देने के लिए अभियान चलाया जा रहा है। शनिवार, 04 जनवरी को थाना ओडगी पुलिस के स्वामी आत्मानंद स्कूल में इलेक्ट्रिकल जागरूकता, साइबर अपराध एवं बचाव की जानकारी से 500 छात्रों को अवगत कराया गया। अन्य।
थाना प्रभारी ओडगी मनी प्रसाद राजवाड़े के द्वारा छात्रों को बताया गया कि अगर वाहनों को नियंत्रित गति से संचालित करने के साथ-साथ पूरी तरह से संचालित किया जाए, तो सड़क पर काफी हद तक रुकावट पाई जा सकती है। युवाओं की जिम्मेदारी है कि न केवल स्वयं साइंटिस्ट पर रोक लगाने के लिए गाइड करें, बल्कि दस्तावेजों को भी देखें। वाहन ऑटोमोबाइल समय तनिक सी विभिन्न सड़क दुर्घटनाओं को न्युता देता है। उन्होंने अपील करते हुए कहा कि सभी ऑटोमोबाइल्स का ध्यान रखें। डोपहिया वाहन वाले वैयक्तिक वैल्युएट शोरूम और कार स्टार्टअप समय सीट बेल्ट प्लेसमेंट। इलेक्ट्रॉनिकी के पालन से दुर्घटना की संभावना लगभग कोई समानता नहीं है। ऑटोमोबाइल के साथ वाहन चालक खुद के साथ दस्तावेजों की भी जिदगियां बचा सकते हैं। इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से सुरक्षा की गारंटी का पालन करना अत्यंत आवश्यक है। ऑटोमोबाइल इंजीनियर सुशील मिश्रा के द्वारा सड़क सुरक्षा से जुड़े उपकरणों के डेमो के बारे में मीडिया से जानकारी दी गई।
थाना प्रभारी ने छात्रों को साइबर अपराध एवं सुरक्षा एवं सावधानी को लेकर जानकारी देते हुए कहा कि वर्तमान युग में उपकरणों के माध्यम से मोबाइल के माध्यम से साइबर अपराध में घोटाले हुए हैं, लेकिन साइबर अपराध इन से बच सकते हैं। वह अपनी गोपनीयता को किसी भी अंजान व्यक्ति से साझा नहीं करता है। किसी अन्य व्यक्ति के फोन पर वह अन्य धमाका या लॉटरी लीज के नाम पर आपसे जानकारी ले सकता है, तो आप बिल्कुल उसे कोई जानकारी नहीं दे सकते। इसकी शिकायत पुलिस में करें।
किसी भी तरह के लोभ-लालच या नाजुक के संदेशों को पूरी तरह से देखें। वर्तमान में साएबर अपराध से छात्रों को अविश्वास हो रहा है। इस पर राजकुमारी ने भी किया संवाद और सायबर क्राइम को लेकर सवाल जवाब। इस दौरान स्कूल के कार्यशाला एवं पुलिस के अधिकारीगण एवं विश्वविद्यालय के छात्र-छात्रा उपस्थित रहे।