आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति ने 936 किलोमीटर लंबी आठ राष्ट्रीय हाई-स्पीड रोड कॉरिडोर परियोजनाओं को मंजूरी दे दी है, जिसमें कुल 50,655 करोड़ रुपये का निवेश होगा। इस पहल का उद्देश्य पूरे भारत में लॉजिस्टिक्स दक्षता और कनेक्टिविटी में सुधार करना है, जिससे प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से लगभग 4.42 करोड़ मानव दिवस रोजगार पैदा होगा।
आगरा-ग्वालियर राष्ट्रीय हाई-स्पीड कॉरिडोर
प्रमुख परियोजनाओं में से एक 88 किलोमीटर लंबा आगरा-ग्वालियर राष्ट्रीय हाई-स्पीड कॉरिडोर है, जिसे पूरी तरह से एक्सेस-कंट्रोल्ड 6-लेन कॉरिडोर के रूप में बिल्ड-ऑपरेट-ट्रांसफर (बीओटी) आधार पर विकसित किया जाएगा। 4,613 करोड़ रुपये की पूंजीगत लागत वाली यह परियोजना उत्तर-दक्षिण कॉरिडोर के आगरा-ग्वालियर खंड में यातायात क्षमता को दोगुना कर देगी। यह प्रमुख पर्यटन स्थलों से कनेक्टिविटी बढ़ाएगा और आगरा और ग्वालियर के बीच यात्रा के समय को 50% तक कम करेगा।
खड़गपुर-मोरग्राम कॉरिडोर
231 किलोमीटर लंबे खड़गपुर-मोरग्राम राष्ट्रीय हाई-स्पीड कॉरिडोर को 10,247 करोड़ रुपये की लागत से हाइब्रिड एन्युटी मोड (एचएएम) में विकसित किया जाएगा। यह कॉरिडोर यातायात क्षमता को पांच गुना बढ़ा देगा, जिससे पश्चिम बंगाल, ओडिशा और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों और भारत के पूर्वोत्तर हिस्से के बीच कुशल संपर्क स्थापित होगा।
थराद-दीसा-मेहसाणा-अहमदाबाद कॉरिडोर
214 किलोमीटर लंबे थराड-डीसा-मेहसाणा-अहमदाबाद राष्ट्रीय हाई-स्पीड कॉरिडोर को 10,534 करोड़ रुपये की पूंजी लागत से बीओटी मोड में विकसित किया जाएगा। यह कॉरिडोर गुजरात के प्रमुख राष्ट्रीय कॉरिडोर को जोड़ेगा, जिससे औद्योगिक क्षेत्रों से प्रमुख बंदरगाहों तक मालवाहक वाहनों के लिए निर्बाध कनेक्टिविटी उपलब्ध होगी।
अन्य महत्वपूर्ण परियोजनाएँ
अन्य स्वीकृत परियोजनाओं में शामिल हैं:
- राम मंदिर आने वाले तीर्थयात्रियों के लिए भीड़भाड़ कम करने हेतु 68 किलोमीटर अयोध्या रिंग रोड (3,935 करोड़ रुपये)।
- रायपुर-रांची राष्ट्रीय हाई-स्पीड कॉरिडोर के 137 किलोमीटर लंबे पत्थलगांव-गुमला खंड (4,473 करोड़ रुपये) से खनन और औद्योगिक क्षेत्रों के बीच संपर्क बढ़ाया जाएगा।
- 47 किलोमीटर कानपुर रिंग रोड (3,298 करोड़ रुपये) से कानपुर के चारों ओर 6 लेन का राष्ट्रीय राजमार्ग रिंग पूरा किया जाएगा।
- 121 किलोमीटर लंबा उत्तरी गुवाहाटी बाईपास और मौजूदा गुवाहाटी बाईपास का सुधार (5,729 करोड़ रुपये), जिसमें ब्रह्मपुत्र पर एक प्रमुख पुल भी शामिल है।
- पुणे के निकट 30 किलोमीटर लम्बा एलिवेटेड नासिक फाटा-खेड़ कॉरिडोर (7,827 करोड़ रुपये) पिंपरी-चिंचवाड़ के आसपास निर्बाध हाई-स्पीड कनेक्टिविटी प्रदान करेगा तथा भीड़भाड़ को कम करेगा।
रणनीतिक प्रभाव
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के बुनियादी ढांचे पर इन परियोजनाओं के परिवर्तनकारी प्रभाव पर प्रकाश डाला। राजमार्ग विकास के लिए सरकार का गलियारा-आधारित दृष्टिकोण सुसंगत मानकों, उपयोगकर्ता सुविधा और रसद दक्षता पर केंद्रित है। इस पद्धति ने 2047 तक भारत को 30+ ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था में बदलने में सहायता करने के लिए 50,000 किलोमीटर के हाई-स्पीड हाईवे कॉरिडोर के नेटवर्क की पहचान की है। बुनियादी ढांचे पर खर्च किए गए प्रत्येक रुपये का सकल घरेलू उत्पाद पर 2.5-3.0 गुना का गुणक प्रभाव होने की उम्मीद है, जिससे आर्थिक विकास को काफी बढ़ावा मिलेगा और नागरिकों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार होगा।