1 अगस्त, 2024 से भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) ने टोल भुगतान प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने और टोल बूथों पर भीड़भाड़ को कम करने के लिए फास्टैग उपयोगकर्ताओं के लिए नए नियम पेश किए हैं।
- 5 वर्ष पुराने फास्टैग का प्रतिस्थापन: पांच साल से ज़्यादा पुराने सभी फास्टैग को जारी करने वाले प्राधिकरण द्वारा सर्वोत्तम प्रयास के आधार पर बदला जाना चाहिए। इससे यह सुनिश्चित होता है कि टैग कार्यात्मक बने रहें और मौजूदा तकनीकी मानकों के साथ अद्यतित रहें।
- 3 साल पुराने फास्टैग के लिए पुनः केवाईसी: तीन साल पहले जारी किए गए FASTags वाले उपयोगकर्ताओं को अपने KYC विवरण अपडेट करने होंगे। FASTag की वैधता बनाए रखने के लिए यह पुनः-KYC प्रक्रिया हर तीन साल में पूरी करनी होगी।
- वाहन विवरण लिंक करना: अब वाहन के रजिस्ट्रेशन नंबर और चेसिस नंबर को फास्टैग से जोड़ना अनिवार्य कर दिया गया है। इससे वाहनों की सही पहचान सुनिश्चित करने और दुरुपयोग को रोकने में मदद मिलेगी।
- नये वाहन पंजीकरण अद्यतन: नया वाहन खरीदते समय, मालिकों को 90 दिनों के भीतर FASTag के साथ पंजीकरण संख्या को अपडेट करना होगा। इससे यह सुनिश्चित होता है कि FASTag नए वाहन से सही तरीके से जुड़ा हुआ है।
- डेटाबेस सत्यापन: फास्टैग प्रदाताओं को अब अपने डेटाबेस का नियमित रूप से सत्यापन करना आवश्यक है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सभी लिंक किए गए विवरण सटीक और अद्यतन हैं।
- फोटो अपलोड आवश्यकताएँ: फास्टैग प्रदाताओं को कार के आगे और साइड की स्पष्ट, उच्च गुणवत्ता वाली तस्वीरें अपलोड करनी होंगी। इससे टोल प्लाजा पर वाहनों की पहचान करने में मदद मिलेगी।
- मोबाइल नंबर लिंक करना: अलर्ट और अपडेट सहित निर्बाध संचार सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक फास्टैग को मोबाइल नंबर से जोड़ना अनिवार्य है।