सेवानिवृत्ति नियमों में बदलाव: सरकारी कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण खबर। सरकार ने अपने संन्यास (रिटायरमेंट) से जुड़े पुराने बदलावों में बदलाव किया है, जिससे कर्मचारियों को संन्यास के समय किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा।
नए के अनुसार, अब 18 साल की नौकरी पूरी करने वाले सभी कर्मचारियों को 5 साल पहले क्वालीफाइंग सर्विस टर्मिनस (QSC) देना अनिवार्य होगा। यह बदलाव पेंशन और ग्रेच्युटी (ग्रेच्युटी और पेंशन) जैसे पेंशन और ग्रेच्युटी (ग्रेच्युटी और पेंशन) को अंतिम रूप से सहायता के रूप में प्राप्त करना है।
क्वालिफाईंग सेवा सिद्धांत अनिवार्य
कर्मचारी मंत्रालय ने सरकारी कर्मचारियों के लिए नई पोर्टफोलियो जारी की है। इस फ्रेमवर्क के अनुसार, जिन कर्मचारियों की नौकरी के 18 साल पूरे हो चुके हैं, उन्हें 5 साल पहले क्वालीफाइंग सेवा फर्म (क्यूएससी) जमा करना अनिवार्य होगा।
यह नियम पेंशन एवं पेंशनभोगी पासपोर्ट विभाग (पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग) द्वारा जारी किया गया है।
अभिलेख का लेखांकन
पेंशन एवं पेंशनभोगी कार्मिक विभाग (पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग) की अधिसूचना के अनुसार, इस प्रक्रिया का मुख्य उद्देश्य कर्मचारियों का पंजीकरण (सेवानिवृत्ति) से पहले करना है।
इस प्रकार के कर्मचारियों की क्वालीफाइंग सेवा (योग्यता सेवा) का छात्रावास समय होल्ली पर और उन्हें विश्राम के समय किसी भी प्रकार की समस्या का सामना नहीं करना पड़ता।
सीखने की प्रक्रिया देखें
मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, कर्मचारी विभाग के प्रमुख और कार्यालय कर्मचारी के रिकॉर्ड का वेरिफिकेशन (कर्मचारी रिकॉर्ड सत्यापन) करेंगे।
यह वेर असैनिटेड सर्विस रूल के अधीन है। वेर असिस्ट के बाद स्टाफ़ को एक सेमेस्टर भी दिया जाएगा, जो एक तय में शामिल होगा।
प्रक्रिया कब शुरू होगी
यह वेरिएन्टल सेंट्रल सिविल सेवा पेंशन नियम 2021 (केंद्रीय सिविल सेवा पेंशन नियम 2021) के अनुसार अनिवार्य है। यह प्रक्रिया हर हाल में सेवानिवृत्ति (सेवानिवृत्ति) से 5 वर्ष पहले पूरी हो जानी चाहिए।
कर्मचारियों को अपना क्वालीफाइंग सर्विस स्टेटस (योग्य सेवा स्थिति) जमा करना अनिवार्य होगा। यह प्रक्रिया 31 जनवरी के बाद शुरू होगी।
कर्मचारियों को वैज्ञानिक बनाना
इस अधिसूचना का मुख्य उद्देश्य कर्मचारियों को उनकी सेवा स्थिति (सेवा स्थिति) के बारे में सेवानिवृत्ति (सेवानिवृत्ति) से पहले ही अवगत कराना है। यह नियम सभी अनिवार्य रूप से अनिवार्य रूप से लागू किया गया है, ताकि सेवानिवृत्ति (सेवानिवृत्ति) से पहले ही कर्मचारियों की सभी अनिवार्यताएं पूरी हो जाएं।