कर्मचारी समाचार: कलेक्टोरेट कैम्पस के क्वार्टर से लेकर नियोक्ता, बाबूओं और विभाग के अधिकारी अब समय पर आना चाहेंगे। राज्य सरकार ने सीधे रजिस्ट्रार और एसपी पर रिक्तियां दिखाई हैं। स्पष्ट रूप से है जब डेमोक्रेट्स व एसपी समय से पहले याने रात 10 बजे से पहले निर्णायक तो अपनी टेबल तक दाखिल करें नामांकन वाले बाबुओं को तो आना ही होगा। सरकार का पैमाना भी उसी अंदाज में अब कसते जा रहा है। इसे सुशासन और गुड गर्वनेंस की दिशा में बढ़ाया कदम माना जा रहा है।
शनिवार से पहले शुक्रवार तक की स्थिति जिले में ऐसी एक भी घटना नहीं है, जहां के डिविजनल अधिकारी से लेकर बाबू तय समय पर नामांकन के लिए अपना कार्यभार शुरू करना चाहते हैं। राज्य शासन ने जब पांच दिन का सप्ताह घोषित किया था तब नियति का समय प्रातः 10.30 बजे नियुक्त किया गया था।
शनिवार और रविवार को छुट्टी के बाद भी सप्ताह के पहले दिन साेमवार को भी समय पर नहीं थे। अब ऐसा नहीं होगा। रेस्तरां और मौज-मस्ती के दिन लड़के गए हैं। सामान से लेकर माता-पिता को तय समय से पहले ऑफिस ऑफिस जाना होगा।
तहसील कार्यालय से लेकर स्वास्थ्य व अन्य विभागों में काम के शौकीनों की सुबह से ही भीड़ उमड़ती है। आमातैर पर इन बस्तियों में ग्रामीण क्षेत्र के लोगों की भीड़ सबसे ज्यादा रहती है। सुबह 11 बजे तक ऑफिस में छुट्टी से लेकर बाबुओं के आने का सिलसिला शुरू होता है। काम का अंदाज़ा आपको ऐसे ही लग सकता है कि कितने बजे से काम शुरू होगा और लोगों को किस हद तक राहत मिलेगी। सरकार की रूपरेखा का प्रभावशाली सार्वजनिक रुहान वाले बाज़ारों में दिखाई देने वाले अवसर। इससे लोगों को राहत मिली।