धमतरी…सुशासन का एक साल, छत्तीसगढ़ में हुआ खुशहाली के तहत स्थानीय डॉ. शोभाराम देवांगन स्कूल सोसायटी माध्यमिक विद्यालय धमतरी के एकलव्य खेल परिसर में आयोजित स्वामित्व कार्ड, जनसंख्या के अधिकार अभिलेख वितरण कार्यक्रम में आयोजित मुख्य अतिथि प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने जिले के ग्रामीण जनसंख्या भूमि में निवासरत हितग्राहियों को मालिकाना हक प्रदान करने के उद्देश्य से स्वामित्व कार्ड का वितरण। मुख्यमंत्री ने इस कार्ड प्रदाय पर 16 हितग्राहियों को स्पष्ट रूप से दर्शाया। इनमें धमतरी तहसील के ग्राम चारभाठा के श्रीमति उमा बाई, श्री रमेशदास, कुरुद तहसील के ग्राम सिंदौरीकला के श्री छबिराम भंडारी, सोनपुर के श्री रामकुमार जन्म भूमि, मगरलोड तहसील के ग्राम चारभाठा के श्री लखनलाल ध्रुव, कोरगांव श्री प्रभुराम मंदिर, भखारा तहसील के ग्राम चिरपोटी के श्री प्रभु साहू, देवरी के श्री श्यामचरण, नगरी तहसील के ग्राम संबलपुर के श्रीमती दासरी बाई, श्रीबाठ, बेलरगांव तहसील के ग्राम भीष्मपुरी के श्री सरोज कुमार, श्री सुनाराम और कुकरेल तहसील के ग्राम मकरडोना निवासी श्रीमती केजाबाई, श्रीमती देवकी बाई और सिरौदकला के श्री झनकलाल शामिल हैं…

धमतरी जिले के 644 ग्रामों में से 501 ग्रामीण राजस्व ग्रामों में डूब के माध्यम से सर्वेक्षण (सर्वे ऑफ इंडिया) किया गया है। इन 501 ग्रामों के 1319 मानचित्रों का राजस्व अमला से भौतिक पुस्तकालयों का 266 ग्रामों का प्रथम प्रकाशन कर दावा-आपत्तियों का निष्कर्ष निकाला गया। साथ ही 85 ग्राम के अभिलेखों का अंतिम प्रकाशन कर 85 ग्राम, 78 ग्राम के अभिलेखों के 9402 अधिकार अभिलेखों को अपलोड किया गया। आज से 9402 अधिकार अभिलेखों का वितरण किया गया। मुख्यमंत्री श्री साय द्वारा स्पष्ट रूप से 16 हितग्राहियों के अधिकार अभिलेख (स्वामित्व कार्ड) को नष्ट कर दिया गया। शेष अधिकार अभिलेखों का वितरण संबंधित ग्राम पंचायतों/तहसीलों में हितग्राहियों के माध्यम से किया जाएगा।
पावर स्वामित्व कार्ड की सुविधा के लिए यह डिजिटल सिस्टम के रूप में तैयार किया जा रहा है। प्रत्येक भूखण्डों का पृथक्करण-पृथक यू.एल.पिन नं. जेनेरेट हो रहा है, क्यू-आर कोड अधिकार अभिलेखों के साथ मुद्रित किया गया है। हितग्रही द्वारा क्यू आर कोड का स्कैन स्टोन कहीं भी कभी भी प्रिंट का उपयोग किया जाता है। अधिकार अभिलेख की प्राप्ति के लिए किसी भी हितग्राही को किसी भी विभाग में जाने की आवश्यकता नहीं होगी और ग्रामीण आबादी भूमिधारकों के हितों की सुरक्षा और प्राप्ति के लिए शासन और प्रशासन दृढ़ संकल्पित है। बता दें कि स्वामित्व वाली योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण आबादी भूमि में निवास हितग्राहियों को मालिकाना हक प्रदान करना है, ग्रामीण आबादी में स्थित स्थायी एसोसिएट के आधार पर बैंकों से ऋण और अन्य वित्तीय लाभ लेने की क्षमता बनाए रखना। इसके साथ ही वैधानिक संवैधानिक संस्थाओं की निगरानी की जाएगी। ग्रामीण क्षेत्र की अवसंरचना के योजनाबद्ध विकास और मांग आडलन प्रक्रिया के तहत जमीन को नष्ट करने और जमीन के मालिक की अपनी भूमि का सीमांकन, नामांतरण, बंटवारा करने की प्रक्रिया को स्थापित करने के लिए।