रायपुर। छत्तीसगढ़ में भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष की शुक्रवार को घोषणा की गई। निकाय चुनाव से पहले भाजपा संगठन में बड़े बदलाव की संभावना जताई जा रही है। इस बीच, विष्णुदेव साय सरकार के महल के विस्तार को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं।
प्रदेश अध्यक्ष चुनाव की प्रक्रिया –
शुक्रवार को नए प्रदेश के राष्ट्रीय अध्यक्ष विनोद तावड़े के निधन की घोषणा की जाएगी। इस दौरान प्रदेश प्रभारी नियुक्त नवीन और चुनाव पर्यवेक्षक गजेंद्र पटेल भी शामिल रहे।
कौन बनेगा नया प्रदेश अध्यक्ष? –
भाजपा के नये प्रदेश अध्यक्ष को लेकर कई नामों की चर्चा है। वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंह देव को यूक्रेन का अध्यक्ष बनाए जाने की संभावना है। हालाँकि, सामिन समुदाय के किसी भी नेता को जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है, क्योंकि लीवी वर्ग की सूची कम करने की रणनीति पर भी विचार किया जा सकता है।
चर्चा में प्रमुख सम्मिलित नाम –
धरमलाल कौशिक (विधायक)
नारायण चंदेल (पूर्व नेता प्रतिपक्ष)
विजय बड़बड़ाना (पूर्व सांसद)
विक्रमंडी (पूर्व मंत्री)
शिवरतन शर्मा (पूर्व विधायक)
अविश्वास का असर –
इन दिनों प्रदेश की राजनीति में समानता को लेकर गरमाई हुई है। कांग्रेस का आरोप है कि बीजेपी ने राष्ट्रवादी कांग्रेस में कटौती कर वर्ग बढ़ाने की साजिश रची है। अब इस मुद्दे पर डैमेज कंट्रोल पर बीजेपी के लिए अविनाशी नेताओं को प्रदेश अध्यक्ष बनाया जा सकता है।
मूर्ति विस्तार पर नजरें –
वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंह देव को भी मंडली में शामिल किया गया है। राज्य के केंद्रीय मंत्री तोखन ने हाल ही में महल के विस्तार की पुष्टि की थी।
जन्मतिथि में नाम –
अमर अग्रवाल (बिलासपुर विधायक)
गजेन्द्र यादव (दुर्ग विधायक)
मूणत (पूर्व मंत्री)
अजय चंद्राकर (पूर्व मंत्री)
सुनील सोनी, पुरंदर मिश्रा, गुरु खुशवंत साहब (विधायक)
भाजपा संगठन में बड़े बदलाव –
भाजपा ने हाल ही में 37 में से 33 जिलों में अध्यक्ष बदले हैं। मंडलों के अध्यक्षों में भी नए पत्रकारों को मौका दिया गया है। इसके बाद अब प्रदेश राष्ट्रपति के चुनाव पर शोभायमान नजरें टिकी हुई हैं।
किरण सिंह देव की राजनीतिक यात्रा –
करीब 30 साल की राजनीति में सक्रिय किरण सिंह देव ने युवा मोर्चा के अध्यक्ष से लेकर प्रदेश अध्यक्ष तक का सफर तय किया है। वे 2009-14 के बीच जगदलपुर के मेयर भी रहे। उनके नेतृत्व में नामांकन में भाजपा ने 11 से 10 में जीत दर्ज की थी।
अब यह देखना होगा कि बीजेपी अपने संगठन को कितना मजबूत बना रही है और सहयोगी नेता जैसा संदेश जारी करती है क्या रणनीति अपनाती है।