बिलासपुर। पूरे देश में गणतंत्र का उत्सव डूब गया है। हर ओर देश की धुनें और गीत गूंज रहे हैं। इन सबके बीच छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में एक परिवार ऐसा भी है, जो बगीचे में रोज तारा शान से लहराता है। प्रातः-सुबह की आरती और घण्टों की गूँज नहीं, बल्कि राष्ट्रगान जन गण मन के स्वर गूँजते हैं। परिवार का प्रत्येक सदस्य मंदिर में जाने से पहले तिरंगे को अर्पित करता है।
नेहरू नगर बिलासपुर के एआईटीआई के ओहियो अधिकारी केके इंस्टीट्यूट ऑफ साइंसेज के घर में तीरंदाजों की परंपरा वर्ष 2002 में शुरू हुई, जो आज तक जारी है। 23 साल बाद उनके घर पर कोई भी मेहमान आया और उनके सामने राष्ट्रीय ध्वज के सामने सामान चढ़ाने की भी परंपरा निभाई जा रही थी। स्मिथ ने बताया कि बचपन में 15 अगस्त के दौरान उन्हें स्कूल के किसी शिक्षक ने झंडे की छतरी के नीचे खड़ा करके मना लिया था। नहीं, पर उन्हें झटका डिकेट भी हटा दिया गया था। यही बात उनके जहान में घर कर गई। तब वे छोटे थे, तभी उन्होंने एक दिन घर की छत पर जाकर अपने परिवार को भी इसके लिए प्रेरित किया।
सरकार ने दी है विध्वंसक परिवार को मंजूरी
चर्चा अधिकारी केके ग्रैविथ ने बताया कि शादी के बाद उन्होंने अपनी पत्नी से यह बात शेयर की और पत्नी ने भी उन्हें इस काम में साथ दिया। इसका परिणाम यह होता है कि पिता के आदर्शों को घर का हर सदस्य अपनाता है। परिवार के सदस्य के घर में हर दिन का ध्वज फहराता है। फोटोग्राफर ने बताया कि सरकार ने वर्ष 2002 के बाद से घर या कार्यालय में नियमों पर मुहर लगाई थी, तभी से वे ऐसा करने में लगे थे। इसके पीछे का मकसद लोगों को अपने देश की प्रति और राष्ट्रीय ध्वज के प्रति गंभीर बनाना है। वे चाहते हैं कि अपना राष्ट्रीय ध्वज हर घर में लहराता रहे। इससे उन्हें खुशी होगी। साथ ही उनके बच्चे भी उन्हें इस काम के लिए आगे आने के लिए प्रेरित करते हैं। आज इन्हें एक अलग पहचान मिली है।
परिवार का मकसद – हर किसी के मन में देश जगाना
आईटीआई के प्रशिक्षण अधिकारी की पत्नी नीरासाग्र्रिव ने बताया कि आईटीआई के प्रशिक्षण अधिकारी के तौर पर काम करने वाले की दो बेटियां और एक बेटा है। उनकी बड़ी बेटी कॉलेज और छोटी बेटी दिल्ली में रहती हैं। बेटा प्रखर ससुराल में पढ़ाई कर रहा है। सारा परिवार एक साथ घर में आभूषण निर्माता हैं। घर में पहले राष्ट्रगान बजता है, फिर कुछ दूसरा नेक काम होता है। प्रोविथ का कहना है कि घर में राष्ट्रगान गाने और झंडे फहराने से उन्हें खुशी मिलती है और यह काम जीवन भर रहेगा। परिवार का राष्ट्रभक्ति का मकसद एक ही है कि हर किसी के मन में राष्ट्रभक्ति जगाना। उनकी ख्वाहिश है कि हर किसी के घर पर तारा लहराता रहे।