बिलासपुर। राजधानी रायपुर में अवैध धार्मिक मांझे से हुई सात साल की मासूम की मौत के मामले को छत्तीसगढ़ कोर्ट ने स्वतः ही सामान्य में ले लिया है। कोर्ट ने इस मामले में गंभीर वोटिंग की मांग करते हुए राज्य के मुख्य सचिव को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। डबल बेंच के मुख्य न्यायाधीश ने सुनवाई के दौरान पूछा कि प्रतिबंध के बावजूद भी चीनी मांझा बाजार में कैसे उपलब्ध है। इस मामले की अगली सुनवाई 29 जनवरी को होगी।
असल में, उच्च न्यायालय में चीनी मांजे से निर्दोष की मौत और महिला के साथ हुई दुर्घटना को सामान्य में लेकर स्पष्ट रूप से स्पष्ट किया गया है। वहीं सरकार के मुख्य सचिव से इस मामले में जवाब मांगा है। मुख्य न्यायाधीश राकेश कुमार सिन्हा और न्यायाधीश फोटोग्राफर कुमार अग्रवाल की डबल बेंच में हुई सुनवाई के दौरान कहा गया कि ये बड़ा स्टॉक है। ये बड़ा खतरनाक है। राज्य सरकार के प्रतिबंध की अधिसूचना के बावजूद बाजार में मंझा कैसे उपलब्ध हो रहा है..? इस अधिनियम का पालन क्यों नहीं किया जा सका? क्या बनाया गया है? एक 7 साल के बच्चे की जान चली गई और एक महिला डर गई। राज्य सरकार ने क्यों नहीं की कोई कार्रवाई? कोर्ट ने राज्य सरकार के मुख्य सचिव से जवाब मांगा है कि बाजार में किस तरह से चीनी धागा और मां उपलब्ध हो रही है। वहीं 7 साल के बच्चे की मौत के बाद उसका परिवार भी बर्बाद हो गया? इस पूरे मामले में पूर्व में हुई घटनाओं के बारे में भी जवाब दिया गया है।
बता दें कि रविवार को रायपुर के पचपेड़ी नाका में 7 साल के बच्चे के गार्डन में मारपीट हो रही थी। इस दौरान चाइनीस मांझा उसके गले में फंस गया और बच्चा लुलुहान हो गया। आसपास के लोगों ने उसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया, जहां इलाज के दौरान बच्चों की पेट में दर्द से मौत हो गई। वहीं राजधानी के धार्मिक नगर में एक महिला मृतिका भी चाइनीज मांजे की शिकार में घायल हो गई। इन दोनों मामलों को चयन से लिया गया कोर्ट ने इस सूची में पूछताछ की मांग की। केस की अगली सुनवाई 29 जनवरी 2025 को तय की गई है।