बिलासपुर। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने आईपीएस अधिकारी जेपी सिंह की पत्नी मनप्रीत कौर और व्यवसायी प्रीतपाल सिंह के खिलाफ केस दर्ज कर एफआईआर दर्ज कराई है। डिवीजन बेंच के मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा और न्यायाधीश कुमार अग्रवाल ने यह अहम फैसला सुनाया।
मनप्रीत कौर को मिली राहत –
2021 में एसीबी (एंटी करप्शन ब्यूरो) और ईओडब्ल्यू (फाइनलोजिकल क्राइम ब्यूरो) ने जेपी सिंह की 10 करोड़ की अवैध संपत्ति का खुलासा किया था। इस दौरान मनप्रीत कौर को सह-आरोपी बनाया गया था, और बिना काम के भुगतान प्राप्त करने और भाजपा सिंह को रिश्वत के लिए उकसाने का आरोप लगाया गया था।
मनप्रीत कौर की ओर से नॉचमैन पैंडेल ने कोर्ट में दलील दी कि एजेंसी ने जांच में कई खामियां बताईं। पिछले 10 वर्षों (2000-2010) की आय को रद्द कर दिया गया, और उन्हें अपना पक्ष रखने का अवसर भी नहीं दिया गया। कोर्ट ने इन बदमाशों को स्वीकार करते हुए एफआईआर रद्द कर दी।
जेपी सिंह की सभी FIR पहले ही रद्द –
इससे पहले छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी जेपी सिंह के खिलाफ दर्ज सभी एफआईआर को रद्द कर दिया था।
प्रितपाल सिंह को भी मिली राहत –
रायपुर के कारोबारी प्रतिपाल सिंह के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की गई थी। जांच एजेंसी का आरोप था कि जेपी सिंह ने अपनी नामी संपत्ति प्रीतपाल सिंह के नाम पर रखी थी। हालांकि, जांच में कोई सबूत नहीं मिलने और मूल एफआईआर रद्द होने के बाद कोर्ट ने प्रीतपाल सिंह के खिलाफ दर्ज एफआईआर भी रद्द कर दी।
मनप्रीत कौर पेशेवर व्यवसायी –
मनप्रीत कौर गेस्ट लेक्चरर के रूप में कई सुपरमार्केट में अपनी सेवाएं दे रही हैं।
बड़ा कानूनी निर्णय –
यह फैसला बीजेपी सिंह, उनकी पत्नी मनप्रीत कौर और कारोबारी प्रीतपाल सिंह के लिए बड़ी राहत लेकर आए हैं। वहीं, इस मामले में छत्तीसगढ़ में अपराधियों के मामलों की जांच प्रक्रिया को लेकर कई सवाल भी पूछे गए हैं।